भारत के प्रमुख बाँध एवं नदी परियोजनाएँ
भारत उसमें कई महत्वपूर्व बांध और नदी परियोजनाएं हैं जो देश की कृषि, ऊर्जा, जल आपूर्ति और बाढ़ नियंत्रण में अहम भूमिका निभाती हैं। ये परियोजनाएं न केवल विकास के आयाम खोलती हैं बल्कि प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और सामाजिक-आर्थिक उन्नति में भी योगदान देती हैं। इस लेख में हम भारत के प्रमुख बांधों और उनकी संबंधित नदियों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
प्रमुख बाँध और उनकी नदियाँ
- जायकवाड़ी बाँध – गोदावरी नदी, महाराष्ट्र: यह सिंचाई एवं जल आपूर्ति के लिए महत्वपूर्ण परियोजना है।
- टिहरी बाँध – भागीरथी नदी, उत्तराखंड: भारत का सबसे ऊँचा जल विद्युत बाँध, जो बिजली उत्पादन के लिए जाना जाता है।
- तिलैया बाँध – बराकर नदी, झारखंड: सिंचाई परियोजना के रूप में कार्यरत।
- तुलबुल परियोजना – झेलम नदी, जम्मू एवं कश्मीर: विवादित क्षेत्र के बाढ़ नियंत्रण हेतु।
- दुर्गापुर बैराज – दामोदर नदी, पश्चिम बंगाल: ऊर्जा उत्पादन और सिंचाई के लिए।
- दुलहस्ती परियोजना – चिनाब नदी, जम्मू एवं कश्मीर: हाइड्रोपावर हेतु।
- नागरजुनसागर बाँध – कृष्णा नदी, आंध्र प्रदेश: दक्षिण भारत की प्रमुख बहुउद्देश्यीय परियोजना।
- नाथपा झाकड़ी परियोजना – सतलुज नदी, हिमाचल प्रदेश: हिमालयी क्षेत्र की महत्वपूर्ण जलविद्युत परियोजना।
- फरक्का परियोजना – गंगा नदी, पश्चिम बंगाल: जल मार्ग नियंत्रण और नेविगेशन के लिए।
- भाखड़ा नांगल बाँध – सतलुज नदी, हिमाचल प्रदेश: विशाल बहुउद्देश्यीय बांध जिसमें सिंचाई, ऊर्जा व बाढ़ नियंत्रण शामिल हैं।
- राणा प्रताप सागर परियोजना – चम्बल नदी, राजस्थान: जल संरक्षण और सिंचाई हेतु।
- सरदार सरोवर बाँध – नर्मदा नदी, गुजरात: भारत की सबसे बड़ी बहुउद्देश्यीय परियोजनाओं में से एक।
- इडुक्की बाँध – पेरियार नदी, केरल: दक्षिण भारत की प्रमुख जलविद्युत परियोजना।
- उकाई बाँध – ताप्ती नदी, गुजरात: सिंचाई और जलापूर्ति के लिए।
- जवाहर सागर बाँध – चम्बल नदी, राजस्थान: सिंचाई और बिजली उत्पादन के लिए।
ऐतिहासिक एवं विश्वस्तरीय बाँध
- हीराकुंड बाँध – ओडिशा: यह एशिया का सबसे लंबा मिट्टी का बाँध है और सिंचाई एवं जल संरक्षण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- भाखड़ा नांगल बाँध – पंजाब/हिमाचल प्रदेश: विश्व के बड़े कंक्रीट बाँधों में गिना जाता है, जिसने क्षेत्रीय विकास को गति दी।
- सरदार सरोवर परियोजना – नर्मदा नदी: बहुउद्देश्यीय परियोजना जो बिजली, सिंचाई और पीने के पानी की आपूर्ति के लिए जानी जाती है।
बाँधों से मिलने वाले लाभ
- सिंचाई: कृषि क्षेत्र में जल उपलब्ध कराकर उत्पादन बढ़ाना।
- विद्युत उत्पादन: हाइड्रोपावर के माध्यम से स्वच्छ ऊर्जा देना।
- जल आपूर्ति: पीने और औद्योगिक उपयोग के लिए जल उपलब्ध कराना।
- बाढ़ नियंत्रण: नदियों के प्रवाह को नियंत्रित कर बाढ़ से बचाव।
- पर्यटन और आर्थिक विकास: बाँधों के आस-पास पर्यटन स्थल विकसित होना और स्थानीय रोजगार सृजन।
उपसंहार
भारत के ये बांध परियोजनाएं देश के विकास के पहलुओं को मजबूती प्रदान करती हैं। ये न केवल जल, ऊर्जा और कृषि के क्षेत्र में सहायता करती हैं बल्कि हरित क्षेत्र के संरक्षण और सामुदायिक समृद्धि में भी सहायक हैं। इन परियोजनाओं पर निरंतर ध्यान देना और उनका संवर्धन करना आवश्यक है ताकि आने वाले समय में भी ये हमारे लिए संसाधनों का स्थायी स्रोत बनी रहें।
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