Uttarakhand Ka Ek Eaisa Aasram Jisme Hai Duniya Ka Sabse Bada Asthdhatu Ka Triyantra

Uttarakhand Ka Ek Eaisa Aasram Jisme Hai Duniya Ka Sabse Bada Asthdhatu Ka Triyantra .

आइए जानते है आखिर कौनसा वह आश्रम है.............. 


डोल आश्रम अल्मोड़ा उत्तराखंड , दुनिया का सबसे बड़ा और भारी श्री यंत्र मौजूद है अल्मोड़ा उत्तराखंड के पास डोल आश्रम में , जिसे श्री कल्यानिका का हिमालयन देवाश्रम के नाम से भी जाना जाता है।

यहाँ स्थित श्रीयंत्र दुनिया का सबसे बड़ा और भारी श्री यंत्र है , जो अष्ट धातु से निर्मित है। लगभग डेढ़ टन भारी और साढ़े तीन फुट का ये श्रीयंत्र दो हज़ार अठारह में इस आश्रम में स्थापित किया गया था। अष्ट धातु आठ तरह के धातुओं से मिलकर बनता है। जो सोना, चांदी, तांबा, सीसा, जस्ता, टिन, लोहा और पारा होता है। श्रीयंत्र को दुनिया का सबसे शक्तिशाली यंत्र माना जाता है जो संपूर्ण ब्रह्मांड का प्रतीक भी माना जाता है। श्री यंत्र को माता लक्ष्मी का यंत्र भी कहा जाता है। घने जंगलों के बीच में बसा डोल आश्रम एक ऐसा अद्भुत आश्रम है जहाँ प्राचीन भारतीय सभ्यता और संस्कृति आज भी जीवित है। उन्नीस सौ इक्यानवे में स्थापित डोल आश्रम का उद्देश्य। ना सिर्फ योग और ध्यान केंद्र के रूप में किया गया था बल्कि वैदिक परंपरा और संस्कृति को लोगों तक पहुँचाना भी इस आश्रम का एक अहम उद्देश्य था और आज ये सिर्फ एक आश्रम नहीं है बल्कि आध्यात्मिक आस्था का केंद्र भी है जहाँ हजारों श्रद्धालु साधना और ध्यान के लिए आते हैं।

डोल आश्रम में पंचदेव उपासना के रूप में भगवान शिव। विष्णु, गणेश, शक्ति और सूर्यदेव का पूजन होता है और माँ त्रिपुरा सुंदरी का मंदिर भी यही स्थित है। जहाँ श्री की उपासना होती है। इसलिए इस जगह को श्री पीठम भी कहा जाता है।

डोल आश्रम में संस्कृत विद्यालय का संचालन भी किया जाता है जहाँ छात्रों की पढ़ाई और उनके रहने पे कोई शुल्क नहीं है। श्री कल्याण का वेद वेदम के नाम से इस विद्यालय का उद्देश्य संस्कृत भाषा का प्रचार करना। और वैदिक परंपरा को जीवित रखना है। इसके अलावा छात्रों को कंप्यूटर और अंग्रेजी जैसी दूसरी भाषाओं का अध्ययन भी कराया जाता है। इस आश्रम में एक अस्पताल भी है जहाँ मरीजों का निःशुल्क इलाज किया जाता है।

अल्मोड़ा से लगभग चालीस किलोमीटर दूर लमगड़ा में स्थित डोल आश्रम पहुँचने के लिए सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है हल्द्वानी काठगोदाम में जहाँ से या तो आप अल्मोड़ा होते हुए पहुँचेंगे डोल आश्रम जो की है एक सौ चालीस किलोमीटर और या फिर आप हल्द्वानी काठगोदाम से सीधे नब्बे किलोमीटर वाला रूट लेते हुए वाया भीमताल। पदमपुरी धानाचुली होते हुए पहुँचेंगे डोल आश्रम। यहाँ पर आपको कार पार्किंग और कैंटीन की सुविधाएं मिल जाती है। और हाँ मंदिर और श्री  पीठम  में कैमरा और मोबाइल फोन बिल्कुल allow नहीं है। ये जानकारी थी , डोल आश्रम की  , आशा करता हूँ आपको यह जानकारी पसंद आयी होगी। कमेंट करके जरूर बताएं यह जानकारी  कैसी लगी। धन्यवाद् ......... 

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